शुगर के मरीज
शुगर का मरीज बनने के बाद अक्सर इस बात पर पाबंदी होती है कि आप कितना खाना-पीना ले सकते हैं। आप जो खाते-पीते हैं उसके बारे में आपको बहुत सावधान रहना होता है क्योंकि एक छोटी सी गलती भी आपके रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकती है। हमारे देश में लोग चावल खाना बहुत पसंद करते हैं। कई अलग-अलग देशों में चावल कई लोगों के आहार का एक आम हिस्सा है। हालांकि शुगर का मरीज होने के बाद सफेद चावल नहीं खाना चाहिए और ब्राउन राइस भी संभलकर खाना होता है। हम आज आपको बताएंगे की आप एक अन्य प्रकार के चावल को खा सकते हैं और खास बात यह है कि आप इस चावल को हर दिन खा सकते हैं और आपका ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ेगा बल्कि नियंत्रण में रहेगा। ये चावल क्या होते हैं कैसे बनाते हैं और किन चीजों के साथ खा सकते हैं हर सवाल का जवाब यहां मिलेगा।

शुगर मे किस तरह का चावल खाना चाहिए
यदि आपको मधुमेह हो गया है या मधुमेह होने का खतरा है तो आपको हर दिन सफेद चावल खाने से बचना चाहिए। इसकी जगह आप कभी-कभी ब्राउन राइस खा सकते है और समा चावल का इस्तेमाल कर सकते हैं। समा के चावल कोमिलेटस चावल के नाम से भी जाना जाता है। इसको बनाने के अलग तरीका होता है उस तरीके से बना के आप खा सकते है।
समा के चावल में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जिसका अर्थ है कि यह रक्त शर्करा के स्तर को जल्दी से नहीं बढ़ाता है। यह इसे मधुमेह वाले लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प बनाता है क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर में अचानक उच्च और निम्न का कारण नहीं बनेगा। यह प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों का भी एक अच्छा स्रोत है और इसमें एंटीऑक्सिडेंट और अन्य लाभकारी यौगिक होते हैं जो शरीर को विषहरण करने में मदद कर सकते हैं। इसे मॉडरेशन में खाना शायद इसका इस्तेमाल करने का सबसे अच्छा तरीका है क्योंकि इसे रक्त शर्करा का स्तर बहुत कम हो सकता है।
कैसे बनाए समा का चावल
सबसे पहले इसको पानी से अच्छे से धो लेना चाहिए
ढोने के बाद इसको 10-15 मिनट तक भिगो के रख दे
इसके बाद इसको किसी बड़े बर्तन या भगोने मे पकाये । जितना चवाल है उसके दोगुना पानी डाले और चूल्हे पर बिना ढके हुये पकाये । इसको पकाते समय गैस को धीमा करके रखे और धीमे आंच पर ही पकाये ।
चवाल को बीच-बीच मे चलाते रहे ताकि यह जले नहीं और जब एकबार पक जाए तो इसको आंच से उतार कर चलटनी या दाल के साथ गर्मा-गर्म परोसे फिर उसको मजे मे खाए।